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Devi Baglamukhi Hridaya Stotra in Hindi & Sanskrit (बगलामुखी हृदय स्तोत्र)

Baglamukhi Hridaya Stotram बगलामुखी हृदय स्तोत्र

This Hymn  (Baglamukhi Hridaya Stotram) is considered to be heart of the Mother. Hymn’s follower attains whatever he see in this world.

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किसी भी देवी या देवता से सम्बन्धित हृदय-स्तोत्र देवता का हृदय ही होता है। यह स्तोत्र भगवती बगलामुखी से सम्बन्धित है। उनके हृदय में बस जाना या फिर उन्हें अपने हृदय में बसा लेना ये दोनों ही विकल्प इस पाठ का उद्देश्य हैं। उनके हृदय में निवास कर पाना तो एक स्वप्न मात्र ही है, क्योंकि इसके लिए तो परम शक्तिमान भी लालायित रहते हैं। हां, हमारी भक्ति के प्रसाद-स्वरूप यह फल अवश्य मिल सकता है कि ये विश्वाश्रय हमारे हृदय में बस जाएं और वास्तव में जीवन का यही तो लक्ष्य है; तभी तो हमारा उद्धार सम्भव है।
‘हृदय-स्तोत्र’ के द्वारा भगवती बगला की कृपा प्राप्त करने हेतु एक विशिष्ट प्रयोग है। आश्विन मास की महा-अष्टमी के दिन पीताचारी, पीताहारी होकर किसी प्राचीन शिवालय अथवा शक्तिपीठ में इस हृदय-स्तोत्र का अनुष्ठान संकल्प लेकर करें। इस प्रकार इस स्तोत्र का पाठ करने से मां पीताम्बरा की कृपा प्राप्त होती है और साधक के शत्रु पराभव को प्राप्त होते हैं। (यह अनुभूत प्रयोग है।) बगला-हृदय-स्तोत्र वास्तव में साधक के लिए ‘वांछाकल्पद्रुम’ के समान है। यूं तो इस पाठ के विषय में कुछ भी कहना सूर्य को दीपक दिखाने के समान ही होगा, तो भी सामान्यतः कुछ विशिष्टताओं को स्पष्ट करना यहां उचित प्रतीत होता है।

यथा
1. यदि मात्र बगला-हृदय-स्तोत्र का ही पाठ कर लिया जाए तो फिर साधक को जप आदि अथवा अनुष्ठान की कोई आवश्यकता नहीं रहती।
2. इस पाठ के स्मरण-मात्र से ही साधक के सभी अभीष्ट पूर्ण हो जाते हैं।
3. इस स्तोत्र का पाठ करने वाले के लिए इस पृथ्वी पर कुछ भी अप्राप्य नहीं रह जाता है।
4. इस स्तोत्र का तीनों समय पाठ करने के प्रभाव से गूंगा बोलने लगता है, पंगु चलने लगता है, दीन सर्वशक्तिमान हो जाता है; घोर दरिद्र व्यक्ति धनवान हो जाता है; चारों ओर से निन्दित व्यक्ति भी ख्याति प्राप्त कर लेता है; और मूर्खतम व्यक्ति की वाणी में ओज एवं कवित्व की शक्ति आ जाती है।
5. इस स्तोत्र के पाठ में ध्यान आदि आवश्यक नहीं है। जप, होम, तर्पण आदि की भी कोई आवश्यकता नहीं है।
6. इस स्तोत्र-पाठ के पाठी का उल्लंघन करने मात्र से स्वयं ब्रह्मा भी सकुशल नहीं रह सकते। यह स्तोत्र परम संतोष-प्रदायक एवं सिद्धियां प्रदान करने वाला है, क्योंकि यह साक्षात् मां बगला का हृदय है।

भगवती बगला के इस हृदय स्तोत्र से प्राप्त होने वाले अनेक परिणामों के विषय में मेरा सुखद अनुभव रहा है। इसलिए मैं ऐसे पाठकों/साधकों को भी इस स्तोत्र का अनुष्ठान करने का परामर्श दूंगा।

जो सब तरफ से निराश हो चुके हैं और जिनको कोई भी रास्ता स्पष्ट नहीं होता। उनसे मैं निवेदन करूंगा कि संकल्प लेकर कम से कम ग्यारह सौ स्तोत्रों का अनुष्ठान अवश्य करें।

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